Wednesday, 4 June 2014

।। आदि सतगुरु।।

⊙ मिशन सतस्वरुप ⊙
...।। आदि सतगुरु।।...

प्रश्न - हम सतगुरु सुखरामजी महाराज को
आदि सतगुरु -सर्व आत्माओ के सतगुरु-सर्व सृष्टि के सतगुरु
क्यों कहते है ?

उत्तर - सतगुरु सुखरामजी महाराज जी की "अनभे वाणीजी" में विठ्ठलराव संवाद-कुंडली-६६ में....

"मै सतगुरु हु आद का, आतम का गुरु कवाय।
मेरी महिमा अगम है,
क्या जाने जग माय।।

इस प्रकार से कहा गया है।

वैसे ही ....
"अगाध बोध" ग्रन्थ - चौपाई १५४  में...

"म गुरुदेव सिस्ट सबहिका,
जान मा जाने कोई ।
मोसु मिल्या अगम घर मेलु,
आनंद पद में सोई ।।

इसलिए हम गुरु महाराज को……

मै सतगुरु आद का=आदि सतगुरु,

आतम का गुरु कवाय =सर्व आत्माओ के सतगुरु,

मै गुरुदेव सिस्ट सबहीका=सर्व सृष्टि के सतगुरु

ऐसा संबोधन करते है।

"सतस्वरुप आनंद्पद ने:अन्छर निजनाम ग्रन्थ से"

* आप सभी संतो की जानकारी के लिए *
(उपरोक्त उपाधि की खोज, अभ्यास, मेहनत, लगन का श्रेय गुरु महाराज के प्रति असीम श्रद्धा रखने वाले हमारे मार्गदर्शक गुरुदेव मा. श्री. जगतपलजी चांडक, प्रवर्तक- रामद्वारा जलगाव इनको जाता है।)

धन्यवाद।

© रामद्वारा-जलगाव
रामस्नेही...शानुभाई...पुणे

।। राम राम सा।।

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