भजन
(सुमिरन)
एक भजन तन सु करे।
एक भजन मन होय।।
एक भजन तन मन परे।
सदा अखंडित होय।।
करो हरी का भजन प्यारे
उमरिया बीती जाती है........
भजन
(सुमिरन)
एक भजन तन सु करे।
एक भजन मन होय।।
एक भजन तन मन परे।
सदा अखंडित होय।।
करो हरी का भजन प्यारे
उमरिया बीती जाती है........
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