उठ
नींद से
जाग जरा
और अपने प्रभु का ध्यान लगा
यह
प्रीत करन
की रीत नही
प्रभु जागत है तू सोवत है
उठ जाग मुसाफिर
भोर भयी
अब रैन कहाँ तू सोवत है
जो
सोवत है
वो खोवत है
जो
जागत है
वो पावत है ....
।। राम राम ।।
नींद से
जाग जरा
और अपने प्रभु का ध्यान लगा
यह
प्रीत करन
की रीत नही
प्रभु जागत है तू सोवत है
उठ जाग मुसाफिर
भोर भयी
अब रैन कहाँ तू सोवत है
जो
सोवत है
वो खोवत है
जो
जागत है
वो पावत है ....
।। राम राम ।।
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